Khabarwala 24 News New Delhi : Talking About Meerut Incident श्रीराम जय राम जय जय राम के जयकार के साथ बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने जागृति विहार एक्सटेंशन पर हनुमंत कथा आरंभ की। उन्होंने मेरठ की घटना पर जिक्र किया। कई लोगों ने कहा कि आपने हंसी में टाल दिया नीला ड्रम कहकर। गूगल पर सर्च करो नीला ड्रम कहां मिलता है। मेरठ की घटना के बाद मुस्कान ने समस्त नारी समाज को कठघरे में खड़ा कर दिया है। बेटी को डीएम बनाओ या मत बनाओ पर बेटी को संस्कारवान बनाओ।
सबसे बड़ी भूल माता पिता के संस्कारों की (Talking About Meerut Incident)
आचार्य श्री ने कहा कि बच्चों को आईपीएस या आईएएस बना दिया लेकिन संस्कारवान नहीं बना पाए तो सब पढ़ाई धरी रह गई। पद और कद के बल पर पैसा कमा सकते हैं, रोटी कमा सकते हैं लेकिन जिंदगी जीना संस्कार से ही आएगा। मेरठ की घटना में सबसे बड़ी भूल माता पिता के संस्कारों की है। किलर, सुसाइडर और लवेरिया के चक्कर में बच्चे पड़ेंगे, जब ऐसे टीवी सीरियल बच्चों को दिखाओगे। रामचरित मानस पढ़ाओगे तो बेटा राम और बेटी सीता बनेगी। रामायण के आधार पर जिंदगी जीना चाहिए।
उसका नाम मुस्कान की जगह शैतान रखो (Talking About Meerut Incident)
रावण वो है जो भाई की संपत्ति हड़पने के लिए भाई को त्याग दे और राम वो है जो भाई को गद्दी पर बैठाने के लिए राज सिंहासन त्याग दे। रामचरित मासन पढ़ाओ बच्चों को तो मेरठ जैसी घटना कहीं नहीं होगी। उसका नाम मुस्कान की जगह शैनात रख दो। किसी का बेटा, किसी का भाई चला गया। क्या बिगाड़ा था उसने यह गलती थी कि प्रेम किया। मर्चेंट नेवी में था। बड़ी आशाओं के साथ सपने देखे होंगे। माता -पिता का नाम रोशन करेंगे। उस लड़के को मार दिया। लाखों करोड़ों पत्नियों पर भरोसा करने वालों के विश्वास की हुई हत्या। भारत में अपराध बढ़ने का मुख्य कारण है संस्कारों से दूरी।
अगर संस्कार होंगे तो जीत ही लोगे दुनिया (Talking About Meerut Incident)
आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जिसके अंदर संस्कार होंगे,वह दुनिया जीत सकता है। जीती हुई दुनिया हारी जा सकती है अहंकार से। दुनिया को जीतने का माध्यम संस्कार है। निर्णय कर लो और अपने हृदय के अंदर संस्कार पालो। कथा से पूर्व भजन गायक कन्हैया मित्तल ने अंजनी के लाल भजन सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। पंडित ब्रह्मराज हरितोष जी महाराज ने कई विषयों पर देव भाषा संस्कृत और हिंदी में विचार प्रकट किए। आचार्य श्री ने मंगल मूर्ति मारुति नंदन, सकल अमंगल मूल निकंदन भजन सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।