Khabarwala 24 News New Delhi: The Walking Tree दुनियाभर में लाखों प्रजाति के पेड़-पौधे पाए जाते हैं। हर पेड़ों की एक खासियत होती है, जिसके कारण उनका इस्तेमाल किया जाता है। कई पेड़-पौधों से दवाईयां भी बनती हैं, जो बहुत कारीगर होती हैं।
The Walking Tree लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताने वाले हैं, जो पेड़ चलता है। जी हां ये पेड़ इंसानों की तरह चलता है और एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंच जाता है. जानिए आखिर इस पेड़ में ऐसा क्या है, जिस कारण ये पेड़ चलता है।
द वॉकिंग ट्री’ (The Walking Tree)
The Walking Tree धरती पर कई ऐसी चीजें हैं, जिस पर इंसान भरोसा नहीं कर पाता है। इनमें से एक वॉकिंग ट्री भी है। दरअसल आमतौर पर देखा जाता है कि 100 साल पुराने पेड़ भी अपने उसी जगह पर रहते हैं, जहां वो पैदा होकर पौधे से एक विशाल पेड़ का रूप लेते हैं। लेकिन द वॉकिंद ट्री को लेकर कहा जाता है कि ये पौधा चलता है।
कहां है ये पेड़ (The Walking Tree)
The Walking Tree बता दें कि न्यूजीलैंड में एक उत्तरी राता नामक पेड़ है। इसे ‘द वॉकिंग ट्री’ के नाम से भी जाना जाता है। इतना ही नहीं इस अनोखे पेड़ को ‘ट्री ऑफ द ईयर’ प्रतियोगिता में विजेता का खिताब दिया गया है। न्यूजीलैंड आर्बोरकल्चरल एसोसिएशन द्वारा आयोजित की गई यह प्रतियोगिता यहां के विविध पेड़ों का सम्मान करती है। वहीं यह चलने वाला पेड़ 32 मीटर ऊंचा है और दक्षिण-द्वीप के पश्चिमी तट पर करामिया के पास स्थित है। यह अद्भुत पेड़ जेआरआर टॉल्किन नामक लेखक के लोक्रपिय वृक्ष-जैसी दिखने वाले ऐन्ट्स पात्र की तरह दिखाई देता है, जिसके कारण इसे यह उपनाम मिला है।
1875 में देखा गया पहली बार पेड़ (The Walking Tree)
The Walking Tree जानकारी के मुताबिक 1875 में पहली बार इस पेड़ को देखा गया था। वहीं पेड़ों की यह प्रजाति 1000 साल तक जीवित रहती है। कई रिकॉर्ड से पता चलता है कि यह ‘वाकिंग ट्री’ साल 1875 से मौजूद है। कुछ लोगों का दावा है कि हर पेड़ हर साल अपनी जगह से कुछ दूरी आगे तक खिसक जाता है। हालांकि आपने देखा होगा कि अधिकांश पेड़ अपनी जगह पर रहते हैं और वो कहीं जाते नहीं है। लेकिन स्थानीय लोगों का दावा है कि ये पेड़ हर साल कुछ मीटर खिसक जाता है। इस पेड़ के जीवन को लेकर कहा जाता है कि यह 1875 का है और 1000 साल तक जीवित रहता है। सिर्फ किसी प्राकृतिक घटना से ये गिर सकता है, लेकिन आम तौर पर इसका जीवन लंबा होता है।