Khabarwala 24 News New Delhi : Tradition of Mahabharata भारत के हर राज्य की अपनी खास प्रथाए हैं जिसमें जन्म से लेकर शादी तक होने वाली रीतियां भी अलग- अलग प्रकार की हैं। आपने महाभारत में तो पढ़ा होगा कि द्रौपदी का विवाह पांचो पांडव भाइयों से होता है। भारत अपनी विभिन्न संस्कृति और सभ्यता के लिए जाना जाता है। आज आपको भारत ऐसी ही एक प्रथा के बारे में बताएंगे जिसमें एक लड़की परिवार के सभी भाइयों से शादी करती है।
हिमाचल और अरुणाचल में चल रही प्रथा (Tradition of Mahabharata)
यह अटपटी लगने वाली प्रथा भारत के हिमाचल और अरुणाचल प्रदेश की है। दावा किया जाता है कि यहां बहुपति प्रथा खत्म हो गई है, लेकिन जानकारों का कहना है कि यहां यह प्रथा अभी भी चलन में है। अब इसे खुलेआम नहीं किया जाता। इसे चोरी-छिपे चलाया जा रहा है।
तिब्बत में भी कई जगह प्रथा चलन में (Tradition of Mahabharata)
आपको बता दें तिब्बत में भी कई जगहों पर यह प्रथा चलन में है। कहते हैं कि आज भी तिब्बत में कई जगहों पर सबसे बड़ा भाई किसी युवती से शादी करता है। और उसके बाद दुल्हन को बाकी भाइयों की पत्नी भी माना जाता है। सबसे बड़ा भाई पहले पत्नी के साथ समय बिताता है। फिर बाकी भाई भी दुल्हन के साथ समय बिताते हैं।
…टोपी से होता है पतियों का समय तय (Tradition of Mahabharata)
कमरे के अंदर कौन है, यह जानने के लिए नियम बनाए गए हैं। जब भी कोई भाई कमरे के अंदर होता है, तो उसकी टोपी कमरे के बाहर लटकी रहती है। इस दौरान कोई दूसरा भाई कमरे में प्रवेश नहीं करता। हालांकि, अब यह प्रथा बहुत कम जगहों पर चलन में है।
इसलिए शुरू हुई थी यह बहुपति प्रथा (Tradition of Mahabharata)
इस प्रथा का मुख्य उद्देश्य जमीन के बंटवारे से बचना और कर प्रणाली से बचना था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 1950 तक तिब्बत में बौद्ध भिक्षुओं की संख्या 1 लाख 10 हजार से ज्यादा थी। इसमें से 35% से ज्यादा भिक्षु विवाह योग्य उम्र के थे। परिवार के सबसे छोटे बेटे को भिक्षु बनने के लिए भेजा जाता था। ऐसे में जमीन के बंटवारे को रोकने के लिए महिलाओं द्वारा उसी परिवार के दूसरे भाइयों से शादी करने की प्रथा शुरू हुई।