Khabarwala24NewsHapur Arya Samaj Mandir केंद्रीय आर्य युवक परिषद की ओर से प्रदेश अध्यक्ष आनंद प्रकाश आर्य ने परिषद की ओर से पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी को भावपूर्ण विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने बताया कि पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी स्वामी दयानंद सरस्वती के शिष्य थे। पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी की गिनती आर्य समाज के पांच प्रमुख नेताओं में की जाती है।दयानंद सरस्वती के देहांत के बाद शिक्षा विद गुरु दत्त विद्यार्थी ने उनकी स्मृति में “दयानंद एंग्लो वैदिक कॉलेज” की स्थापना का प्रस्ताव रखा था।
गुरुदत्त विद्यार्थी लाला लाजपत राय और लाला हंसराज के प्रयत्नों से ही 1 जून 1886 को लाहौर पाकिस्तान में डीएवी स्कूल की स्थापना हुई थी।
आर्य ने बताया कि पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी के दो अंग्रेजी लेख ” वैदिक संज्ञा विज्ञान ” तथा वैदिक संज्ञा विज्ञान व यूरोप के विद्वान ” को ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया था। आर्य समाज के 10 नियमों को पांच आगे व पांच पीछे लिखवाकर ,चौराहे पर खड़े होकर प्रचार किया।
क्षय रोग के कारण 19 मार्च 1890 को महज 26 वर्ष की आयु में उनका देहांत हो गया।किन्तु उतने ही समय में उन्होंने अपनी विद्वता की छाप छोड़ी और अनेकानेक विद्वतापूर्ण ग्रंथों की रचना की।