Khabarwala24 News Unnao : उन्नाव के सोहरामऊ में कॉलेज में पहले दिन की पढ़ाई के बाद गांव वापसी का सफर दो बहनों का आखिरी सफर बनकर रह गया। दोनों बहनें गलती से उन्नाव में झांसी पैसेंजर की जगह झांसी इंटरसिटी ट्रेन में सवार हो गई थीं। गांव के स्टेशन जैतीपुर में ट्रेन नहीं रुकी तो दोनों घबरा गई और ट्रेन से कूद गईं। एक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरी की कुछ देर बाद मौत हो गई। मेधावी बच्चियों की मौत से इलाके के कई गांवों में मातम पसरा हुआ है।
क्या है पूरा मामला
सोहरामऊ थाना क्षेत्र के देवरा गांव के संजय बाजपेई की बेटियां दिव्या (16) और सौम्या (14) ने इसी साल जैतीपुर के स्कूल से 10 वीं और आठवीं कक्षा पास की थी। दोनों ने आगे की पढ़ाई के लिए उन्नाव जीजीआईसी में 11वीं और 9 वीं में प्रवेश लिया था। शुक्रवार को कालेज का पहला दिन था। पढ़ाई के बाद दोनों को झांसी पैसेंजर ट्रेन से गांव लौटना था, जो जैतीपुर स्टेशन पर रुकती है। दोनों बहनें स्टेशन पहुंचीं और गलती से झांसी पैसेंजर की जगह झांसी इंटरसिटी ट्रेन में सवार हो गईं। ट्रेन जैतीपुर में नहीं रुकी तो दोनों चलती ट्रेन से कूद गई। रेलवे क्रॉसिंग पर तैनात गेटमैन ने स्टेशन मास्टर को सूचना दी। सोहरामऊ पुलिस दोनों बहनों को अस्पताल ले गई, जहां सौम्या को मृत घोषित कर दिया। लखनऊ ट्रामा सेंटर ले जाते समय दिव्या ने भी दम तोड़ दिया।
स्कूल गईं दोनों बहनें लौटीं नहीं
संजय की दोनों बेटियां सौम्या व दिव्या पढ़ने में काफी होनहार थी। बेटियों की इच्छा साइंस (विज्ञान)पढ़ने की थी तो संजय ने उनका एडमीशन शहर के जीजीआईसी में करा दिया। प्लान यह था जैतीपुर से सुबह की पैसेंजर ट्रेन से दोनों स्कूल जाएंगी और शाम को पैसेंजर से ही लौटेंगी। दोनों बहनें शुक्रवार को पहले दिन स्कूल गई पर घर नहीं लौटीं। उनकी मौत की खबर पहुंची तो कोहराम मच गया। गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
मां और बड़ी बहन स्टेशन छोड़ने आई
शुक्रवार को पहला दिन था और पैसेंजर ट्रेन से दोनों बेटियां जीजीआईसी पहुंचीं। दोनों घर से स्कूल के लिए रवाना हुई तो मां मुन्नी देवी औऱ बड़ी बहन नित्या छोड़ने भी आईं। जाते समय मां ने कहा कि ध्यान से स्कूल जाना। शाम को समय से स्टेशन पहुंच जाना। ताकि घर समय से लौट आओ। दोनों बहनें स्कूल से लौटते समय स्टेशन तो पहुंच गईं पर ट्रेन पकड़ने में चूक कर गई। पैसेंजर ट्रेन के बजाय एक्सप्रेस में बैठ गईं जो जैतीपुर नहीं रुकती।
शाम चार बजे तक दोनों घर नहीं पहुंचे तो परिजन में घबराट हो गई। इसी बीच घर पर दोनों की मौत की सूचना आई। घर में अफरा-तफरी मच गई। मौके पर पहुंचे माता-पिता शव देखते ही लिपट कर रोने लगे। पूरे गांव में मातम का माहौल छा गया। पुलिस के मुताबिक सौम्या के शव का उन्नाव और दिव्या के शव का पोस्टमार्टम लखनऊ में कराया जाएगा।
दूध बेचकर पुत्रियों को शिक्षा दिला रहा था पिता
पिता संजय को क्या मालूम था कि दोनों बेटियां पहले दिन ही स्कूल जाएंगी और घर लौट नहीं पाएंगी। संजय बेटियों से बहुत प्यार करता था। उनकी शिक्षा को लेकर गंभीर थे। दूध का कारोबार करते हैं। इसी कमाई से बच्चों को पढ़ा रहे थे। बड़ी बेटी नित्या और छोटा भाई विनायक भी पढ़ाई में होनहार हैं। दिव्या और सौम्या की मौत से परिजन बदहवास हैं। मां मुन्नी देवी व भाई बहन बेहाल थे।