Khabarwala 24 News New Delhi : Unsolved Mysteries लोग कुछ चीज़ों को शापित या रहस्यमय मान लेते हैं। इसके पीछे कारण ये होता है कि हमारे पास उसके होने की कोई वजह ही नहीं होती। वैसे तो विज्ञान इतना आगे बढ़ चुका है कि हमारे पास हर बात को एक्सप्लेन करने के लिए कुछ न कुछ है।
बावजूद इसके दुनिया में कुछ ऐसी जगहें या चीज़ें हैं, जिनके पीछे का विज्ञान ढूंढा नहीं जा सका है। आज भी कुछ ऐसी चीज़ें धरती पर हैं, जिनके राज़ को कोई खोल ही नहीं पाया। आज हम ऐसे ही 5 रहस्यों की बात करेंगे…
1. एंटीकेथेरा (Unsolved Mysteries)
ग्रीक आइलैंड एंटीकिथेरा में एक रहस्यमय पानी के जहाज का मलबा ढूंढा गया था। इस बहुत ही प्राचीन मशीन के टुकड़े को रहस्यमय माना गया। ज्यादातर लोगों ने माना कि ये दुनिया के पहले एनालॉग कम्प्यूटर का हिस्सा है। ये 100 ईसापूर्व का है और आकाशीय गणना के लिए इस्तेमाल होता था। इसकी संरचना काफी जटिल है, जो प्राचीन ग्रीक लोगों की एडवांस मैकेनिकल इंजीनियरिंग समझ को दर्शाता है। वैज्ञानिक और इतिहासकार अब इस टुकड़े पर रिसर्च कर रहे हैं।
2. गीज़ा के महान पिरामिड (Unsolved Mysteries)
दूसरा रहस्य हैं गीज़ा के महान पिरामिड, जिनके 2580 से 2560 ईसा पूर्व में बने होने का दावा किया जाता है। ये प्राचीन इजीनियरिंग का नमूना है। कोई सोच भी नहीं सकता है कि किस तरह प्राचीन समय में इसे इतने सही तरीके से बनाया गया होगा। जब पत्थरों को उठाने और रखने के लिए मशीनें भी नहीं होती थीं। किस तरह सही नाप के साथ इन्हें बनाकर भारी-भरकम पत्थरों को रखा गया होगा। ये आज तक पहेली बना हुआ है।
3. सैक्सेहुआमन (Unsolved Mysteries)
पेरू में मौजूद सैक्सेहुआमन एक प्राचीन किला है, जिसे अपनी अद्भुत इंजीनियरिंग के लिए जाना जाता है। ये किला पत्थरों से बना हुआ है और हैरानी की बात ये है कि 100-100 टन के पत्थरों को इस तरह लगाया गया है कि दो पत्थरों के बीच एक तिनका भी नहीं डाला जा सकता है। ये Incan इंजीनियरिंग की कुशलता को दिखाता है। रिसर्चर्स आज भी हैरान हैं कि इतने बड़े और भारी पत्थरों को लाया कैसे गया होगा और इसे चढ़ाकर फिक्स कैसे किया गया होगा।
4. द नाज़्का लाइन्स (Unsolved Mysteries)
पेरू में ही एक और अद्भुत रहस्य है, जिसे द नाज़्का लाइंस कहा जाता है। दक्षिणी पेरू में बंजर ज़मीन पर उकेरकर बनाया गया है। ये 500 ईसा पूर्व से 500 ईसवी के बीच नाज़्का लोगों ने बनाया था। इसमें सीधी लाइनों से लेकर जानवरों और पौधों की कठिन आकृतियां भी शामिल हैं। ये क्यों बनाया गया। इस पर काफी शोध हुए लेकिन सही जवाब किसी के पास नहीं है। कुछ वैज्ञानिक कहते हैं ये ज्योतिषीय गणना के लिए बने हैं तो कुछ इसे धार्मिक संकेत बताते हैं।
5. लौह स्तंभ (Unsolved Mysteries)
दिल्ली के कुतुब कॉम्प्लेक्स में मौजूद लौह स्तंभ भी ऐसी ही पहेली है, जो सुलझी नहीं। 400 ईसवी में बना ये लौह स्तंभ 7 मीटर ऊंचा है और मौर्य साम्राज्य में इसका निर्माण हुआ था। हैरानी की बात ये है कि तब से आज तक ये स्तंभ यूं ही खड़ा है और इस पर ज़रा सी भी ज़ंग नहीं लगी। 1600 सालों में इसे कोई नुकसान नहीं हुआ। इस पर तत्कालीन साम्राज्य की बहुत सी घटनाओं और राजाओं के बारे में उकेरा गया है, जो इतिहास के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है।