UP legislative Assembly Khabarwala 24 News Lucknow: उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज विधायकों के तौर-तरीकों को लेकर बनाई नई नियमावली पर चर्चा हो सकती है। इन चर्चा के बाद नई नियमावली को पारित किया जाएगा। इसके सदन का नजारा ही बदल जाएगा क्योंकि सदन में होने वाले विरोध-प्रदर्शन पर रोक लग जाएगी। नई नियमावली में सदन में विधायकों के आचरण के लिए कड़े मानक तय किए गए हैं।
बैनर, पोस्टर, प्लेकार्ड नहीं ले जा सकेंगे
नए नियम के तहत विधायक अब सदन में बैनर, पोस्टर और प्लेकार्ड नहीं ले जा सकेंगे। वह न तो हंगामा करने के लिए अध्यक्ष के आसन के पास जा पाएंगे और न ही कोई कागज फाड़कर विरोध जता पाएंगे। आमतौर पर देखा गया है कि विपक्षी पार्टियों के विधायक इसी माध्यम से सदन में अपना विरोध जाहिर करते हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली-2023′ लागू होने के बाद ऐसी कई बातों को लागू करने के मामले में देश की पहली विधानसभा बन जाएगी। नए नियम के तहत विधायकों को सदन में अपने बैठने के स्थान पर मोबाइल ले जाने पर रोक होगी। वह किसी भी तरह का कोई हथियार नहीं ले जा सकेंगे। इसके अलावा विधायक अध्यक्ष के आसन की ओर पीठ करके न बैठ सकेंगे, न खड़े हो सकेंगे.
इस नियमावली के लिए विधायकों से 8 अगस्त संशोधन प्रस्ताव मांगे गए थे। इसके बाद अब चर्चा में इन प्रस्तावों को रखा जाएगा। इसके अलावा सदस्यों को कार्यवाही से संबंधित कोई भी साहित्य, प्रश्नावली, पुस्तक या प्रेस टिप्पणियां अंदर ले जाने या पर्चियां वितरित करने की अनुमति नहीं होगी। विधानसभा के प्रमुख सचिव की ओर से विधायकों को हर दिन के काम की सूची ऑनलाइन या ऑफलाइन उपलब्ध करानी होगी।
विधायकों को ई-विधान के तहत अधिकार
नियमावली में विधायकों के आचरण और सदन में व्यवहार को नियंत्रित करने के अलावा विधायकों को अधिकार भी दिए गए हैं। इसमें सबसे बड़ा प्रावधान E-vidhan का होगा। विधानसभा में ई-विधान को पहले ही लागू किया गया है जिसके तहत सदन में टैब्लेट इंस्टॉल कर विधायकों से पेपरलेस काम और विधान सभा की कार्यवाही को डिजिटाइज्ड करने की पहल की गयी थी।
कार्यवाही को किया जाएगा आॅनलाइन
नई नियमावली के तहत विधायक घर में, अपने दफ्तर में या कार में बैठकर भी सदन की कार्यवाही में शामिल हो सकेंगे यानी कार्यवाही को ऑनलाइन किया जाएगा। विधायकों को सत्र की जानकारी भी ई-मेल या फोन से दी जा सकेगी। कार्यवाही में वर्चुअली शामिल होने का अधिकार विधायकों को देने वाली यूपी विधानसभा देश की पहली विधानसभा होगी। माना जा रहा है कि अगला सत्र नए नियमों के तहत संचालित किया जाएगा।
बदलेंगे प्रावधान
नई नियमावली में सत्र के संचालन के विषय में भी बदलाव के प्रावधान किए गए हैं। अभी सत्र बुलाने के लिए 15 दिन के नोटिस की व्यवस्था है लेकिन अब यह समय 7 दिन का होगा। नयी नियमावली 1958 में बनी मौजूदा नियमावली की जगह लेगी। पिछले साल शीतकालीन सत्र के दौरान 6 दिसंबर को विधायक अतुल प्रधान ने सदन से सोशल मीडिया पर लाइव कर दिया था, जिसके बाद इस बात को लेकर न सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष ने आपत्ति की थी, बल्कि उनको सदन से बाहर जाने के लिए कहा गया था।