Khabarwala 24 News Lucknow: UP News मई,जून व जुलाई की प्रचंड व उमस भरी गर्मी से बचाव के लिए एसी, कूलर और पंखे का प्रयोग कर बिजली की अधिक खपत करने वाले उपभोक्ता अब बिजली विभाग के निशाने पर हैं। इस अवधि में जिन उपभोक्ताओं का बिजली बिल तीनों महीने स्वीकृति भार से अधिक आया है, अब उनके कनेक्शन का भार बढ़ाया जाएगा। एसी चलाने वालों के लिए बिजली महंगी हो जाएगी। ऐसे लाखों उपभोक्ताओं को भार बढ़ाने की नोटिस बिजली महकमा दे रहा है।
नोटिस किए जाएंगे जारी (UP News)
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के निदेशक (वाणिज्य) निधि कुमार नारंग की तरफ से इस आशय का पत्र सभी बिजली वितरण कंपनियों के निदेशक (वाणिज्य) को भेजा गया है। इसमें लिखा है कि पिछले तीन महीने से निरंतर स्वीकृत भार से अधिक विद्युत भार का उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं की भार वृद्धि के लिए नोटिस वितरित करते हुए भार वृद्धि की कार्यवाही करें।
प्रबंधन ने तीन महीने लगातार स्वीकृत भार से अधिक विद्युत भार उपभोग के नियम के लिए उन तीन महीनों को चुना है, जब प्रचंड और उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल रहते हैं। गर्मी से बचाव के लिए लगातार पंखा, कूलर, एसी का उपयोग लोग घरों में करते हैं, जिससे अक्सर इन महीनों में उनकी बिजली खपत स्वीकृत भार से अधिक हो जाती है।
एक किलोवाट भी बढ़ाया भार तो 110 रुपये ज्यादा आएगा बिजली बिल (UP News)
प्रबंधन ने इस नियम की आड़ में स्थायी तौर पर राजस्व वृद्धि के लिए इन तीन महीनों को इस बार चुना है। यदि किसी घरेलू उपभोक्ता का विद्युत भार तीन किलोवाट का है और पिछले तीन महीने की खपत के आधार पर यदि उसके भार को महज एक किलोवाट बढ़ाया जाता है तो उपभोक्ता हर महीने फिक्स चार्ज के रूप में अतिरिक्त 110 रुपये का भुगतान करने को बाध्य हो जाएगा।
स्वीकृत भार से अधिक खपत पर क्या है जुर्माने का है नियम (UP News)
जिस महीने में स्वीकृत भार से अधिक बिजली की खपत उपभोक्ता करता है तो उसके बढ़े हुए भार पर बिजली महकमा जुर्माना वसूलता है। यदि एक किलोवाट अधिक की खपत उपभोक्ता करता है तो उस महीने के बिजली बिल में उपभोक्ता से एक किलोवाट का फिक्स्ड चार्ज 110 रुपये और पेनाल्टी के रूप में 110 रुपये कुल 220 रुपये अतिरिक्त वसूला जाता है।
यह लगाया आरोप (UP News)
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाया है कि तीन महीने की खपत के आधार पर भार वृद्धि के हवाले से बिजली कंपनियां बीपीएल (गरीब) बिजली उपभोक्ताओं की संख्या को रिकार्ड में कम करने की साजिश कर रही हैं। ऐसा कर बिजली कंपनियां सरकार की गरीब हितैषी छवि को चोट पहुंचा रही हैं। बीपीएल उपभोक्ताओं को जो सस्ती बिजली मिलती है, उसका अतिरिक्त भार प्रदेश सरकार सब्सिडी के रूप में बिजली कंपनियों को देती है। बिजली कंपनियों का कहीं से कोई नुकसान नहीं है।