UP News Khabarwala24 News New Delhi: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनैतिक दल तैयारी में जुटे हैं। गठबंधन को लेकर भी कवायद तेजी से चल रही है। एेसे में समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (AKhilesh yadav) ने पिछले दिनों पीडीए (PDA) का फॉर्मूला दिया था। उनके इस फॉर्मूले के बाद विपक्षी दलों ने सपा प्रमुख पर जमकर जुबानी किए थे। इसको लेकर बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) की भी प्रतिक्रिया आई थी, जिसको लेकर अखिलेश यादव ने अब जवाब दिया है।
क्या बोले अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने बुधवार को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, “PDA मूल रूप से पिछड़े, दलित व अल्पसंख्यक के शोषण, उत्पीड़न व उपेक्षा के ख़िलाफ़ उठती हुई चेतना व समान अनुभूति से जन्मी उस एकता का नाम है, जिसमें हर वर्ग के वे सब लोग भी शामिल हैं, जो मानवता के आधार पर इस तरह की नाइंसाफी के खिलाफ हैं? दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सब इससे जुड़ें.”
PDA मूल रूप से ‘पिछड़े, दलित व अल्पसंख्यक’ के शोषण, उत्पीड़न व उपेक्षा के ख़िलाफ़ उठती हुई चेतना व समान अनुभूति से जन्मी उस एकता का नाम है, जिसमें हर वर्ग के वे सब लोग भी शामिल हैं, जो मानवता के आधार पर इस तरह की नाइंसाफ़ी के ख़िलाफ़ हैं।
दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सब इससे जुड़ें!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 21, 2023
मायावती ने क्या दी थी प्रतिक्रिया
बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सपा द्वारा एनडीए के जवाब में पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) का राग, इन वर्गों के अति कठिन समय में भी केवल तुकबन्दी के सिवाय और कुछ नहीं। इनके पीडीए PDA का वास्तव में अर्थ परिवार, दल, एलाइन्स है जिस स्वार्थ में यह पार्टी सीमित है। इसीलिए इन वर्गों के लोग जरूर सावधान रहें.”
क्या है अखिलेश यादव का पीडीए (PDA)फॉर्मूला?
आपको बता दें कि पिछले दिनों अखिलेश यादव ने केंद्र में पिछले नौ साल से काबिज भाजपा से मुकाबला करने के लिए नया जातीय समीकरण तैयार किया है। इस समीकरण को पीडीए का नाम दिया है। उन्होंने कहा, “इस बार लोकसभा चुनाव में वो पी यानी पिछड़े, डी यानी दलित और ए यानी अल्पसंख्यकों के सहारे एनडीए को हराएंगे.”