UP Politics Khabarwala 24 News Lucknow: समाजवादी सरकार में मंत्री रहे साहब सिंह सैनी और मुजफ्फरनगर से रालोद के पूर्व सांसद रहे राजपाल सैनी ने भाजपा का दामन थामा है। एेसे में भाजपा ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। भाजपा ने मिशन-2024 को भेदने के लिए सैनी समाज को पाले में करने की बड़ी पहल की है।
सहारनपुर मंडल के अहम जिले मुजफ्फरनगर में भारतीय किसान यूनियन का मुख्यालय है। इसके चलते केन्द्र सरकार को समय-समय पर खासी दिक्कतें महसूस हुईं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सहारनपुर सीट भाजपा के हाथ से खिसक कर बसपा के पाले में चली गई। वहीं मुजफ्फरनगर सीट भी खासे कड़े मुकाबले में भाजपा ने सीट पर कब्जा किया। विधानसभा चुनावों से ठीक पहले कद्दावर नेता डा. धर्म सिंह सैनी भाजपा छोड़कर सपा में चले गए। हालांकि नकुड़ सीट भाजपा ने जीत ली, लेकिन महज 351मतों से। वहीं खतौली के उप चुनाव ने भाजपा के करारा झटका दे डाला। विक्रम सिंह सैनी की विस सदस्यता जाने के बाद उनकी पत्नी को मैदान में उतारा। दिग्गजों के चुनाव प्रचार के बाद भी सीट हाथ से निकल गई।
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर बदलेंगे समीकरण
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर करीब एक लाख से अधिक सैनी मतदाता हैं। इनमें सर्वाधिक 38 हजार सैनी मतदाता खतौली विधानसभा में हैं। बिजनौर एवं सहारनपुर में जनपद में लोकसभा सीटों पर सैनी मतदाता को भी लामबंद करने के लिए दोनों नेताओं को अहम माना जा रहा है। सैनी वोट बैंक भाजपा का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है।
मुलायम के करीबी रहे हैं साहब सिंह सैनी
पूर्व मंत्री साहब सिंह सैनी कांग्रेस, जनतापार्टी और फिर सपा में रहे। वह मुलायम सिंह के खासे करीबी माने जाते थे। वर्ष 2014 में एमएलसी बनाकर सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। राजपाल सैनी का सफर 73 वर्षीय राजपाल सैनी मूल रूप से बुढ़ाना जनपद के लुहसाना के निवासी हैं। 1989 में जनता दल के प्रदेश महासचिव के रूप में राजनीति शुरुआत की थी। जनता दल के बाद 1994 में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए।