Khabarwala 24 News Lucknow : UP Teacher Recruitment उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 12460 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत नियुक्ति पत्र पाने वाले 5856 सहायक अध्यापकों की तैनाती का रास्ता साफ हो गया है। शून्य जनपद विवाद की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई को छात्रहित के मद्देनजर ग्रीष्मावकाश के बाद 15 जून से शुरू हो रहे शैक्षणिक सत्र को देखते हुए उन चयनितों को पदस्थापित करने का आदेश दिया है जिन्हें नियुक्ति पत्र मिल चुके हैं। हालांकि उनकी नियुक्ति याचिका के अंतिम आदेश के अधीन होगी।
क्या है पूरा मामला (UP Teacher Recruitment)
अब इस मामले की सुनवाई गर्मी की छुट्टी के बाद 28 अगस्त को होगी। शैक्षिक अभिलेखों की जांच के बाद दो चरणों में 30 दिसंबर 2023 और सात जनवरी 2024 को क्रमश: 1796 व 4060 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए थे। हालांकि अर्चना राय की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद नौ जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने पदस्थापन पर रोक लगा दी थी।
शून्य जनपद विवाद क्या है ? (UP Teacher Recruitment)
12460 शिक्षक भर्ती का विज्ञापन 15 दिसंबर 2016 को जारी हुआ था। प्रदेश के 75 में से 24 जिलों में एक भी पद रिक्त नहीं था। शिक्षक भर्ती नियमावली 1981 के अनुसार किसी भी जिले में उन्हीं प्रशिक्षुओं की नियुक्ति का प्रावधान था जहां से आवेदक ने प्रशिक्षण किया था। हालांकि सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने एक सर्कुलर जारी कर उन जिले के अभ्यर्थियों को दूसरे जिले से आवेदन का अवसर दिया था जहां पदों की संख्या शून्य थी।
16 मार्च 2017 को पहली काउंसिलिंग हुई, लेकिन इस बीच सरकार बदलने के बाद 23 मार्च 2017 को भर्ती पर रोक लग गई। 16 अप्रैल 2018 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भर्ती शुरू करने की अनुमति दी। एक मई 2018 को मुख्यमंत्री ने 51जिले के लगभग 6512 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दे दिया। इनमें से 5990 ने ही कार्यभार ग्रहण किया था। वहीं दूसरी ओर शून्य रिक्तियों वाले 24 जिलों के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने को लेकर पैदा हुआ विवाद हाईकोर्ट में लंबित था। हाईकोर्ट के आदेश पर शेष 6470 पदों के सापेक्ष 5856 अभ्यर्थियों को दो चरणों में नियुक्ति पत्र जारी किया गया था।