UPPCL Khabarwala 24 News Lucknow:बिजली उपभोक्ताओं के घर लगने जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर की विश्वसनीयता और गति परखने में उपभोक्ताओं के घर पहले से लगे साधारण मीटर ही चेक मीटर का काम करेंगे। ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार ने पांच प्रतिशत साधारण मीटर जो पहले से उपभोक्ताओं के परिसर में लगे हैं, उसे चेक मीटर मानते हुए उसके समानांतर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने को कहा है।
चेक मीटर की यह सेवा निशुल्क होगी। विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री सचिव पंकज अग्रवाल को पत्र भेज लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि उपभोक्ता परिसर में लगे पुराने पांच प्रतिशत साधारण मीटर को चेक मीटर माने जाने की सीमा बहुत कम है। इस सीमा को बढ़ाकर कम से कम 25 प्रतिशत किया जाए। जिससे नए स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब अधिक से अधिक से अधिक उपभोक्ताओं को मिले और वह संतुष्ट हो सकें। राज्य में पूर्व में लगे 12 लाख स्मार्ट मीटर के मामले में यूपी के उपभोक्ताओं का अनुभव अच्छा नहीं है। इन मीटरों के तेज चलने की शिकायतें अधिक रही हैं। इस व्यवस्था के तहत तीन महीने तक दोनों मीटरों की रीडिंग का मिलान किया जाएगा।
क्या की गई है यह व्यवस्था
अवधेश वर्मा ने कहा है कि ऊर्जा मंत्रालय ने अतत: यह मान लिया कि उपभोक्ताओं की संतुष्ट सर्वोपरि है। परिषद उपभोक्ताओं की संतुष्टि को लेकर लगातार लड़ाई लड़ रहा था। मंत्रालय के इस आदेश से उपभोक्ताओं को अपने परिसर में लगे साधारण मीटर जिस पर उसे विश्वास है, उसे ही चेक मीटर माना जाएगा।