Khabarwala 24 News New Delhi: Weather देशभर में भारी बारिश का दौर जारी है। पहाड़ी राज्यों में भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। वहीं मैदानी इलाकों में भी मूसलाधार बारिश होने से नदियां उफान पर हैं।
मौसम विभाग ने 12 अगस्त को तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, राजस्थान और केरल में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, दिल्ली-एनसीआर, यूपी समेत उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों में भी जमकर बारिश होने की उम्मीद है।
कैसा रहेगा दिल्ली के मौसम का हाल (Weather)
दिल्ली में झमाझम बारिश के बाद मौसम सुहावना बना हुआ है। मौसम विभाग ने दिल्ली में 12 से 15 अगस्त के बीच तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। दिल्ली-एनसीआर में बारिश के कारण सड़कें जलमग्न होने की वजह से लोगों को डर सताता है कि बारिश से कहीं जलजमाव ना हो जाए और ट्रैफिक से जूझना पड़े। IMD के अनुसार, इस पूरे हफ्ते दिल्ली का अधिकतम तापमान 32 से 34 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है और न्यूनतम तापमान 26 से 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है।
बारिश का इन राज्यों में अलर्ट (Weather)
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर भारत, केरल, तमिलनाडु और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
वहीं, गंगा के तटीय पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, विदर्भ, रायलसीमा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, गोवा, तटीय कर्नाटक, तटीय महाराष्ट्र, पूर्वी गुजरात और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है। इसके अलावा लद्दाख, राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों, सौराष्ट्र और कच्छ, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र, दक्षिण तेलंगाना, उत्तर आंतरिक कर्नाटक और लक्षद्वीप में हल्की बारिश संभव है।
कैसी रहेंगी देश की मौसमी गतिविधियां (Weather)
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार, औसत समुद्र तल पर मॉनसून की द्रोणिका अब श्री गंगानगर, हिसार, दिल्ली, बरेली, लखनऊ, रांची, कोंटाई और फिर पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक जाती है. वहीं उत्तर-पूर्व राजस्थान और आस-पास के क्षेत्रों में 5.8 किमी ऊपर तक फैले चक्रवाती परिसंचरण का मतलब है कि ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम दिशा में झुकाव वाला एक समतल क्षेत्र बना हुआ है।
इसके अलावा दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश और आस-पास के क्षेत्रों में मुख्य समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैले चक्रवाती परिसंचरण का अस्तित्व बना हुआ है। एक द्रोणिका दक्षिण आंतरिक कर्नाटक से निचले स्तरों पर कोमोरिन क्षेत्र तक फैली हुई है। महाराष्ट्र कर्नाटक तट के साथ औसत समुद्र तल पर अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है।