weather Report Khabarwala 24 News New Delhi: गर्मी के साथ भारी उमस ने लोगों की हालत खराब कर दी है। उत्तर प्रदेश राज्य से मानसूनी मेघ नाराज हो रहे हैं। कानपुर, बांदा, हमीरपुर, पीलीभीत, रामपुर में मामूली बूंदाबांदी हुई।
मौसम विभाग के अनुसार मॉनसून सक्रिय होने के आसार बने हुए हैं। किसी भी समय वर्षा हो सकती है। पूरा राज्य भीषण गर्मी से त्रस्त है। राज्य में कहीं भी तापमान 39 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं रहा पर उमस से लोग बेहाल हैं। मौसम विभाग के मुताबिक दिन का तापमान 34 से 38.5 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। पूर्वी उत्तर प्रदेश की हालत सबसे खराब मानसूनी सत्र का एक माह से अधिक गुजर गया है। शुरुआत में तो मानसून ने राज्य में धमाकेदार बरसात कराई। हालत यह है कि राज्य में अब तक सामान्य से 11 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में सूखे जैसा हालात पैदा हो गए हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश के 37 जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई है। कुशीनगर में तो अब तक सामान्य से 69 फीसदी कम वर्षा हुई है। देवरिया में 68, मिर्जापुर में 64, श्रावस्ती में 59, पीलीभीत में 61, सीतापुर में 50 प्रतिशत सामान्य से कम वर्षा हुई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दस जिलों में ही सामान्य से कम वर्षा हुई है।
जल्द बारिश न हुई तो प्रदेश में बढ़ेगा बिजली संकट
पावर कारपोरेशन का अनुमान था कि चालू वित्तीय वर्ष में बिजली की अधिकतम मांग 27775मेगावाट तक जाएगी। यह अनुमान रविवार की रात को फेल हो गया। इस अनुमान को पार करते हुए बिजली की अधिकतम मांग 28034 मेगावाट पर पहुंच गई। जल्द बारिश नहीं हुई तो अधिकतम मांग 30 हजार मेगावाट तक पहुंचने के आसार बन गए हैं। राहत की बात यह है कि उत्तर प्रदेश के पास सभी स्त्रत्तेतों से बिजली की पर्याप्त उपलब्धता बनी हुई है। फिर भारी बिजली संकट से जूझना पड़ सकता है।
गंगा- यमुना का प्रयागराज में भी बढ़ा जलस्तर
यूपी की बात करें तो प्रयागराज में गंगा-यमुना के जलस्तर में बीते 24 घंटे में 10-10 सेमी बढ़ाव हुआ है। यह लगातार 12 वां दिन है, जब संगमनगरी में दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ना जारी है। मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में वर्षा का पानी यमुना की सहायक नदियों के माध्यम से यहां पहुंच रहा है। वाराणसी में भी प्रशासन सावधान है।
कई इलाके हुए जलमग्न
दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिलों के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश जारी है। पिछले दो दिन में क्षेत्र की कई नदियों में जल स्तर बढ़ता जा रहा है और निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। सूत्रों ने बताया कि नेत्रावती, फाल्गुनी और दक्षिण कन्नड़ जिलों के कई हिस्सों में जल स्तर नदी के किनारे रहने वाले लोगों के लिए खतरा हो गया है।
बाढ़ से कुल्लू-मनाली नेशनल हाइवे बाधित
बाढ़ के बाद पिछले 16 दिनों से कुल्लू-मनाली नैशनल हाईवे बाधित चल रहा है। हाईवे का कई जगह से नामोनिशान मिट गया है और उसे दोबारा से बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। हाइवे के 8 किमी हिस्से पर रेस्टरेशन कार्य अभी बाक़ी है। फिलहाल राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सिंगल लेन बहाली की कोशिश में लगा है। लेकिन उफनती ब्यास नदी और भूस्खलन लगातार परेशानी पैदा कर रहा है।