Khabarwala 24 News New Delhi : Who is Pratap Singh Khachariyawas राजस्थान की राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में है। सोमवार, 14 अप्रैल 2025 की सुबह करीब 7 बजे जयपुर के सिविल लाइंस इलाके में उस समय हड़कंप मच गया, जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक टीम ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) के आवास पर छापेमारी की।
यह कार्रवाई कथित तौर पर आय से अधिक संपत्ति के मामले से जुड़ी बताई जा रही है। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों और मीडिया का ध्यान खींचा, बल्कि पूरे राज्य में सियासी हलचल को तेज कर दिया। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
क्या हुआ 14 अप्रैल की सुबह?
जयपुर के सिविल लाइंस इलाके में स्थित प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) का आवास उस समय चर्चा का केंद्र बन गया, जब ED की एक टीम ने सुबह-सुबह उनके घर पर दस्तक दी। सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी आय से अधिक संपत्ति और वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में की गई। ED की टीम ने उनके आवास की तलाशी शुरू की, जिसके बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। स्थानीय लोग और मीडियाकर्मी खाचरियावास के घर के बाहर जमा हो गए, जिससे सियासी माहौल और गर्म हो गया।
ED की इस कार्रवाई को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। क्या यह छापेमारी केवल एक नियमित जांच है, या इसके पीछे कोई बड़ा सियासी खेल चल रहा है? खासकर, जब लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, तब इस तरह की कार्रवाई ने कई अटकलों को जन्म दे दिया है।
कौन हैं प्रताप सिंह खाचरियावास?
प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) राजस्थान की राजनीति में एक जाना-पहचाना नाम हैं। कांग्रेस के तेजतर्रार नेताओं में शुमार खाचरियावास ने अपने सियासी सफर की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी। उनकी बेबाकी और आक्रामक तेवर उन्हें जनता और विरोधियों के बीच चर्चा का विषय बनाते हैं। वे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के करीबी माने जाते हैं और उनकी सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में कई अहम जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं।
जयपुर की सिविल लाइंस विधानसभा सीट से विधायक रहे खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) ने हमेशा अपनी बात को बिना किसी लाग-लपेट के रखा है। चाहे वह बीजेपी पर हमला करना हो या कांग्रेस की नीतियों का बचाव, उनकी आवाज हमेशा सियासी गलियारों में गूंजती रही है। उनके समर्थक उन्हें एक जुझारू और जनता के मुद्दों को उठाने वाला नेता मानते हैं, जबकि विरोधी उनकी आक्रामक शैली की आलोचना करते हैं।
ED की छापेमारी: क्या है मामला?
ED की छापेमारी का आधार अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन सूत्रों का दावा है कि यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति और संदिग्ध वित्तीय लेनदेन से जुड़ी है। ED ने इस तरह की कार्रवाइयों में पहले भी कई बड़े नेताओं को निशाना बनाया है, और इस बार खाचरियावास का नाम सामने आया है। हालांकि, इस छापेमारी के पीछे की ठोस वजह और सबूतों का खुलासा अभी बाकी है।
छापेमारी के दौरान ED की टीम ने खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) के आवास पर मौजूद दस्तावेजों और अन्य सामग्रियों की गहन जांच की। यह कार्रवाई कई घंटों तक चली, जिसके चलते सिविल लाइंस इलाके में तनाव का माहौल बना रहा। स्थानीय पुलिस को भी सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात किया गया था, ताकि किसी तरह की अव्यवस्था न हो।
प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) का जवाब
ED की कार्रवाई के बीच प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) ने मीडिया से बात की और अपनी बेबाकी का परिचय दिया। उन्होंने कहा, “सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन सच को कोई नहीं दबा सकता। जब राहुल गांधी सत्ता में आएंगे, तब बीजेपी को इसका जवाब मिलेगा। हम डरने वालों में से नहीं हैं। ED जितनी चाहे तलाशी ले, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। हम जांच में पूरा सहयोग करेंगे।”
खाचरियावास के इस बयान ने साफ कर दिया कि वे इस कार्रवाई से विचलित नहीं हैं। उन्होंने इसे एक सियासी साजिश करार देते हुए बीजेपी पर निशाना साधा। उनके समर्थकों ने भी इसे केंद्र सरकार की बदले की कार्रवाई बताया और सोशल मीडिया पर खाचरियावास के पक्ष में आवाज उठानी शुरू कर दी।
कांग्रेस (Congress) की प्रतिक्रिया और सियासी हलचल
हालांकि, कांग्रेस की ओर से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन पार्टी के भीतर इस कार्रवाई को लेकर बेचैनी साफ नजर आ रही है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इस मामले पर मंथन कर रहे हैं और जल्द ही इस पर अपनी रणनीति तय करेंगे। कुछ नेताओं का मानना है कि यह कार्रवाई लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश का हिस्सा हो सकती है।
राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के बीच पहले से ही तीखी सियासी जंग चल रही है। ऐसे में, खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) जैसे कद्दावर नेता पर ED की कार्रवाई ने इस जंग को और तेज कर दिया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह छापेमारी उनकी पार्टी को डराने की कोशिश है, लेकिन वे इससे डरने वाले नहीं हैं।
आम लोगों की प्रतिक्रिया
जयपुर के सिविल लाइंस इलाके में खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) के घर के बाहर लोगों की भीड़ इस बात का सबूत थी कि यह मामला आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बन गया है। कुछ लोग इसे ED की निष्पक्ष कार्रवाई मान रहे हैं, तो कुछ इसे सियासी साजिश बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई है। कुछ यूजर्स ने खाचरियावास के समर्थन में पोस्ट किए, तो कुछ ने ED की कार्रवाई को सही ठहराया।
क्या है आगे की राह?
ED की यह छापेमारी अब सबकी नजरों में है। आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि खाचरियावास के खिलाफ लगे आरोपों में कितना दम है। अगर ED को कोई ठोस सबूत मिलता है, तो यह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) और कांग्रेस (Congress) के लिए बड़ा झटका हो सकता है। वहीं, अगर यह कार्रवाई बिना किसी नतीजे के खत्म होती है, तो कांग्रेस इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकती है।
फिलहाल, राजस्थान की सियासत एक बार फिर केंद्रीय एजेंसियों और नेताओं के बीच रस्साकशी का अखाड़ा बन गई है। इस मामले का असर न केवल खाचरियावास के सियासी भविष्य पर पड़ेगा, बल्कि यह पूरे राज्य के सियासी समीकरण को भी प्रभावित कर सकता है।