Khabarwala 24 News : Wired Tradition Cut Finger पुराने समय में आदि मानव भी देवताओं को खुश करने के लिए अजीब-अजीब काम किया करते थे। तरह तरह चीजों को चढ़ाना, उपवास रखना, कठिन तरीके सा नाम जपना, बहुत कुछ किया जाता था जिससे देवी देवता खुश हो जाएं। पुरातत्वविदों ने सैकड़ों गुफा पेंटिंग्स का अध्ययन किया. बहुत सारी पेंटिंग में इंसानों की उंगलियों का कम से कम एक पोर गायब था. इस आधार पर वे इस नतीजे पर पहुंच सके। नए अध्ययन में पुरातत्वविदों ने दावा किया है कि पश्चिमी यूरोप के पुरातन मानवों ने देवताओं को खुश करने के लिए अपनी उंगलियां काटने की प्रथा को अपनाया था।
पुराने हाथ के 200 छापे मिले (Wired Tradition Cut Finger)
प्रोफेसर मार्क कोलार्ड ने बताया कि पक्के सबूत हैं कि ये लोग किसी रिवाज के चलते अपनी उंगलियों को खुद ही काट लिया करते थ। इन गुफाओं में बने करीब 200 पुराने हाथ के छापे मिले हैं जिनमें से हर एक में कम से कम एक ऊंगली गायब है, जबकि कुछ में तो उंगलियों का ऊपर का पोर गायब है।
जानबूझ कर चढ़ाते थे उंगली (Wired Tradition Cut Finger)
कोलार्ड ने पहले भी यह विचार दिया था कि पुरा ऐतिहासिक पूर्वज अपने देवताओं को जानबूझ कर अपनी उंगली काटकर चढ़ाया करते थे. समर्थन में कोलार्ड और पीएचडी छात्र ब्रेया मैकॉले ने 100 दूसरे पुरातन समाज की जानकारी जुटाई जहां उंगली काटे जाने की प्रथा होती थी और इसे वे पेंटिग में दर्शाया करते थे।
सांकेतिक भाषा का इस्तेमाल (Wired Tradition Cut Finger)
इस प्रथा को कई बार अलग अलग तरह से खोजा जा चुका है. ऐसे में पूरी संभावना है कि गार्गा और दूसरी गुफाओं में ऐसी प्रथा अपनाई होगी। दिलचस्प बात है कि वैज्ञानिक माना करते थे कि पेंटिंग में उंगलियों का कटा होना, एक तरह की सांकेतिक भाषा या फिर गिनती के सिस्टम का इशारा करता होगा।
आज के युग में हो ऐसी प्रथा
हो सकता है कि इन पेंटिंग में केवल मुड़ी हुई उंगलियां ही हो सकती हैं। कोलार्ड और मैकॉले ने दलील दी है कि उंगली का काटना बहुत सारी प्रथाओं में से एक थी। उन्होंने इसे आग में चलना, हाथ या चेहरे पर आग से दागना, आदि कई प्रथाओं में से एक माना, जो हैरान करती है कि आज भी ऐसी प्रथाएं हो सकती हैं।