Khabarwala 24 News New Delhi : World Countries Debt कोविड-19 महामारी के बाद वर्तमान में वैश्विक ऋण 100.2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। महामारी के कारण सरकारों ने अर्थव्यवस्थाओं को संभालने के लिए जरूरत से ज्यादा खर्च किया, जिसके कारण ऋण के स्तर में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई। इस स्थिति ने वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण को प्रभावित किया है। अमेरिका, चीन और भारत तीन प्रमुख देश हैं, जो वैश्विक ऋण के मामले में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और इन देशों का ऋण वैश्विक ऋण के एक बड़े हिस्से को नियंत्रित करता है।
अमेरिका पर कितना कर्ज? (World Countries Debt)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, वैश्विक ऋण का सबसे बड़ा हिस्सा दुनिया में सबसे ज्यादा कर्ज अमेरिका पर है। यह देश वैश्विक अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा हिस्सा है और इसका कर्ज 36 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा अमेरिकी जीडीपी का करीब 125% है, जो दर्शाता है कि अमेरिका ने अपनी आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए भारी कर्ज लिया है।
अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती (World Countries Debt)
अमेरिकी कर्ज वैश्विक कर्ज का करीब 34.6% है, यानी पूरी दुनिया के कर्ज का एक तिहाई हिस्सा अमेरिका पर है। अमेरिका के लगातार बढ़ते कर्ज का एक कारण भारी सरकारी खर्च और सैन्य बजट है। कोविड-19 के दौरान सरकार द्वारा प्रोत्साहन पैकेज और राहत उपायों ने कर्ज को और बढ़ा दिया है। इस अत्यधिक कर्ज को अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती माना जा रहा है, क्योंकि यह सरकार की भविष्य की राजकोषीय नीतियों पर दबाव डाल सकता है।
कर्ज में दूसरे नंबर पर चीन (World Countries Debt)
वहीं, ताकतवर देशों की सूची में दूसरे नंबर पर काबिज चीन कर्ज के मामले में भी दूसरे नंबर पर है, जिसकी अर्थव्यवस्था दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी है। चीन का कर्ज करीब 14.69 ट्रिलियन डॉलर है, जो वैश्विक कर्ज का 16.1% है। चीन के कर्ज में बढ़ोतरी का बड़ा कारण तेज विकास दर और बड़े बुनियादी ढांचे में निवेश है। चीन ने विकास को बढ़ावा देने के लिए बड़ी मात्रा में कर्ज लिया है, जिसमें सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों और सरकारों ने भी बड़ी भूमिका निभाई है।
आर्थिक चुनौतियों का सामना (World Countries Debt)
हालांकि, चीन की कर्ज स्थिति की विशेषता यह है कि यहां अधिकांश कर्ज सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों और स्थानीय सरकारों द्वारा लिया गया है। इसके अलावा, चीन कई आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, जैसे धीमी विकास दर, सामाजिक कल्याण खर्च में वृद्धि और संपत्ति क्षेत्र में गिरावट। ये कारक चीन की कर्ज स्थिति को और जटिल बनाते हैं।
कर्ज में 7वें स्थान पर है भारत (World Countries Debt)
भारत का कर्ज 3.057 ट्रिलियन डॉलर है, जो वैश्विक कर्ज का 3.2% है और कर्ज के मामले में भारत सातवें स्थान पर है। हालांकि, भारत का कर्ज अन्य प्रमुख देशों की तुलना में कम है, लेकिन यह उसके सकल घरेलू उत्पाद का 60% है, जो अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति को दर्शाता है। भारत का कर्ज सकल घरेलू उत्पाद के 60% तक सीमित होना यह दर्शाता है कि देश ने कर्ज के स्तर को नियंत्रित करने में कुछ सफलता हासिल की है।
भारत की स्थिति कुछ हद स्थिर (World Countries Debt)
भारत की कर्ज वृद्धि मुख्य रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार द्वारा किए गए बड़े खर्च के कारण है, जिसमें आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज और स्वास्थ्य देखभाल योजनाएँ शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, बुनियादी ढाँचे के लिए सरकारी निवेश ने भी कर्ज में वृद्धि की है। हालाँकि, भारत के लिए स्थिति कुछ हद तक स्थिर है, क्योंकि देश का कर्ज अपेक्षाकृत कम है और विकास दर उससे तेज है।