Khabarwala 24 News New Delhi : World IVF Day खानपान की गलत आदतों व बिगड़े हुए लाइफस्टाइल और देरी से शादी करने के कारण कपल इस समस्या का शिकार हो रहे हैं। इनफर्टिलिटी के बढ़ते मामलों के कारण देश में आईवीएफ सेंटरों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। आईवीएफ के जरिए कई महिलाएं गर्भधारण भी करती हैं। आईवीएफ के अलावा एक और तकनीक है जिसके जरिए बांझपन की समस्या को दूर किया जाता है। इसके बारे में हमने एक्सपर्ट्स से बातचीत की है। आइए पहले जान लेते हैं कि आईवीएफ क्या होता है…
पुरुष और महिला की टेस्ट रिपोर्ट (World IVF Day)
आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ नुपूर गुप्ता बताती हैं कि रिपोर्ट आने के बाद पहले पुरुष के सीमेन की लैब में जांच की जाती है। इस दौरान खराब शुक्राणुओं को अलग कर दिया जाता है। महिला के शरीर में इंजेक्शन के जरिए उसके अंडों को बाहर निकालकर फ्रीज किया जाता है फिर इन अंड़ों को लैब में फर्टिलाइज किया जाता है।
लाइफस्टाइल सही रखने की सलाह (World IVF Day)
इसके बाद एक भ्रूण तैयार हो जाता है। इसी भ्रूण को कैथिटर की मदद से महिला के गर्भाश्य में ट्रांसफर किया जाता है। महिला की कुछ सप्ताह बाद जांच की जाती है और पता किया जाता है कि भ्रूण की किस तरह की ग्रोथ हो रही है। इस दौरान महिलाओं को खानपान से लेकर लाइफस्टाइल को सही रखने की सलाह दी जाती है।
क्या होती है आईयूआई तकनीक (World IVF Day)
डॉ. स्नेहा मिश्रा बताती हैं कि आईयूआई का यूज मुख्य रूप से पुरुषों के बांझपन के लिए किया जाता है। इसमें महिला के ओव्यूलेशन के समय वीर्य को एक ट्यूब के जरिए सीधे महिला के गर्भाशय के अंदर ट्रांसफर किया जाता है।
तैयार सैंपल महिला में ट्रांसफर (World IVF Day)
इसकी लागत 10000 से 20000 रुपये तक होती है। इस प्रोसिजर से पहले पुरुष के कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं। इसके बाद पुरुष लैब में आकर स्टेरायल बोतल में वीर्य का सैम्पल देते हैं। इसके बाद सैंपल को लैब में तैयार करके महिला में ट्रांसफर किया जाता है।
सर्जरी से भी होता है इसका इलाज (World IVF Day)
इसके अलावा ऑपरेटिव हिस्टेरोस्कोपी और लैप्रोस्कोपी का उपयोग भी किया जाता है। जब किसी महिला को एंडोमेट्रियोसिस, फाइब्रॉएड जैसी परेशानी होती है जब इस सर्जरी को किया जाता है। इसकी लागत : 30000 से 1 लाख (अस्पताल के आधार पर काम या ज्यादा) हो सकती है।