Khabarwala 24 News New Delhi : Yamuna Chhath 2024 हिंदू धर्म में छठ साल में दो बार मनाया जाता है। चैत्र माह में पड़ने वाले छठ को चैती छठ या यमुना छठ के रूप में और कार्तिक माह में पड़ने वाले छठ को कार्तिकी छठ मनाया जाता है। यह त्योहार मथुरा एवं वृंदावन और गुजरात में बहुत ही भव्य तरीके से मनाए जाने की प्रथा है। कहा जाता हैं कि इस दिन देवी यमुना धरती पर अवतरित हुईं थी इसलिए इसे यमुना जयंती के तौर पर भी जाना जाता है। इस वर्ष यमुना छठ 14 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी। इसे चैती छठ के नाम से भी जाना जाता है। यमुना भारत की पवित्र नदियों में से एक है। छठवीं तिथि के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर यमुना नदी में स्नान करते हैं और विधि-विधान से छठ माता की पूजा करते हैं। इस दिन यमुना नदी में स्नान का खास महत्व है। मान्यता है इससे यम के यातनाएं नहीं झेलनी पड़ती।
यमुना छठ का शुभ मुहूर्त | Yamuna Chhath 2024
भारतीय संस्कृति में सनातन धर्म में कई नदियों को मां का दर्जा दिया है और उन्हें पूजनीय भी माना जाता है। यमुना नदी भी पवित्र नदियों में से एक है। उत्तर भारत के कई शहरों में यमुना छठ बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि 13 अप्रैल को दोपहर 12:04 बजे शुरू होगी और 14 अप्रैल को सुबह 11:43 बजे समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 14 अप्रैल 2024, रविवार को यमुना छठ का पर्व मान्य होगा।
हिंदू धर्म में छठ का महत्व | Yamuna Chhath 2024
हिंदू धर्म में गंगा को ज्ञान की देवी और यमुना को भक्ति का सागर माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यमराज ने यमुना को वरदान दिया था कि जो भी व्यक्ति यमुना नदी में स्नान करेगा उसे यमलोक नहीं जाना पड़ेगा। हर साल यमुना जयंती (यमुना छठ) के दिन ब्रजवासी यमुना में आस्था की डुबकी लगाते हैं। इससे लोगों के पाप धुल जाते हैं। इसके अलावा शनिदेव की कृपा भी बनी रहती है। देवी यमुना को सूर्य और छाया की पुत्री और मृत्यु के देवता यमराज और शनिदेव की बहन माना जाता है।